Dvi Din Jindagi Chha Song Lyrics - Sandeep Sonu
उपरोक्त गीत का मुखड़ा 1980के दशक से हमारे गांव की महिलाऐं अक्सर गांव में होने वाले फंशन में गाते आये है और इस सांग को अक्सर होली में भी सुनने को मिलता है इस सांग को गांव में हर कोई गुनगुनाता रहता है द्वी दिना ज़िंगगी छ सांग को संदीप सोनू ने अपने आवाज में बेहद ख़ूबसूरती से गया है और उनका साथ दिया है राधा द्विवेदी ने दिया है और म्यूजिक दिया है Rickie (Mumbai) ने
Dvi Din Jindagi Chha Song Lyrics
द्वी दिन जिन्दगी छ, कि कनु कैबेर,
तुले मैं ले दिन बितोंल,हंसी हंसी बेर।
द्वी दिन जिन्दगी छ....
सात फेरों को सात वचन,
द्वी हिया और एक छ मन।।
बगिया में सुन्दर, फूल खिलूनो,
हंसी खुशी रूलों, सात निभोंल।।
द्वी दिन जिन्दगी छ, कि कनु कैबेर,
तुले मैं ले दिन बितोंल,हंसी हंसी बेर।
द्वी दिन जिन्दगी छ....
इन्द्राणी जै सातों रंग,जोबन बहार संगे संग।
हाथों में हाथ धरी ल्यूंलो,प्रेम प्रतीक्षा जुग जुग संग।
प्रीतै की डोर थामी ल्यूलो,
जोड़ी हमारी,टुटने नी द्यूलो
द्वी दिन जिन्दगी छ, कि कनु कैबेर,
तुले मैं ले दिन बितोंल,हंसी हंसी बेर।
द्वी दिन जिन्दगी छ....
Dvi Din Jindagi Chha Song Details(song credit)
Song Name |
Dvi Din Jindagi Chha |
Lyrics |
Traditional
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Music |
Rickie (Mumbai)
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Singer |
Sandeep Sonu & Radha Dwivedi
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Lable |
Sandeep Sonu |
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